हुमायूँ और महमूद लोदी के मध्य संघर्ष (लड़ाई )
कालिंजर के शासक रुद्रदेव से संधि के बाद हुमायूँ बिहार पहुँचा जहाँ जौनपुर पर अधिकार करके लोदी हुमायूँ
के लिए तैयार था। अगस्त 1532 ईस्वी में गोमती नदी के किनारे पर दोहरिया अथवा दौरोह नामक स्थान पर दोनों में मुठभेड़ हुई और महमूद हार गया। उसकी सेना गयी। लेकिन हुमायूँ उनका पीछा नहीं कर सका क्योंकि उसी समय उसे कामरान के विद्रोह की सूचना मिली और उसे लौटना पड़ा।
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